छायें काली घटाये तो क्या,तेरे आँचल के नीचे हूँ मैं,आगे आगे वो चलती मेरे,अपनी श्यामा के पीछे हूँ मैं ,उसने पकड़ा मेरा हाथ है,फिर डरने की क्या बात है।। श्यामा प्यारी मेरे साथ है,फिर डरने की क्या बात है,उसने पकड़ा मेरा हाथ है,मेरी श्यामा की क्या बात है,इसके होते कोई कुछ कहे,बोलो किसकी ये औकात है।। उनकी करुणा का वर्णन …
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