एक बार की बात है . एक व्यक्ति को रोज़-रोज़ जुआ खेलने की बुरी आदत पड़ गयी थी . उसकी इस आदत से सभी बड़े परेशान रहते. लोग उसे समझाने कि भी बहुत कोशिश करते कि वो ये गन्दी आदत छोड़ दे , लेकिन वो हर किसी को एक ही जवाब देता, ” मैंने ये आदत नहीं पकड़ी, इस आदत …
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घन आए घनश्याम ना आया
वो कुबजा के ब्रह्म मे फास्कार, हम से नाता छ्चोड़ गये वादा कर के गये यहा से चार दीनान में आने को बीट गये है चार माज़ पर, आए नही श्याम जाने क्यों बाततक्वी नही बताए, अपनी याद दिलाने को जाए बसे मथुरा में कन्हैया, हम से मुखड़ा मोआद के घन आए घनश्याम ना आअए, हमे अकेला छ्चोड़ गये…… वो …
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