चित ले गयो री चित चोरसखी री मैं तो लूट गयी रीमेरो चलो नहीं कोई जोरसखी री मैं तो लूट री रात सखी सपने में वो आयोऐसो सुन्दर रूप बनायोरूप देखत गयी री मैं तो डोर धीरे से माने मेरी पकड़ी कलाईमार शर्म सखी मैं शर्मायीसखी निकले ना मुख से बोल हार गई सखी दिल की बाजीऐसी प्रीत सखी बस …
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