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Tag Archives: Cottage

हर परिस्थिति में प्रसन्न रहकर ही हम ईश्वर के समीप पहुंच सकते हैं

दो संन्यासी थे, एक वृद्ध और एक युवा । दोनों साथ रहते थे । एक दिन महीनों बाद वे अपने मूल स्थान पर पहुंचे । जो एक साधारण-सी झोपड़ी थी । किंतु जब दोनों झोपड़ी में पहुंचे तो देखा कि वह छप्पर भी आंधी और हवा ने उड़ाकर न जाने कहां पटक दिया । यह देख युवा संन्यासी बड़बड़ाने लगा …

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कबीरवाणीः प्रभु नाम का स्मरण के लिए समय नहीं, भाव चाहिए

एक बार संत कबीर से किसे ने पूछा, आप दिनभर कपड़ा बुनते हैं तो भगवान का स्मरण कब करते हैं? कबीर उसे लेकर झोपड़ी से बाहर आ गए और कहा कि यहां खड़े रहो। तुम्हारे सवाल का जबाव शायद में न दे सकूं, लेकिन उसे दिखा सकता हूं। कबीर ने दिखाया कि एक औरत पानी की गागर सिर पर रखकर …

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आचार्य बहुश्रुत के शिष्यों की कांटों भरी अंतिम परीक्षा

The final examination of the thorns of Acharya Purshuva's disciples

एक बार गुरुकुल में तीन शिष्यों की विदाई का अवसर आया तो आचार्य बहुश्रुत ने कहा की सुबह मेरी कुटिया में आना। तुम्हारी अंतिम परीक्षा होगी। आचार्य बहुश्रुत ने रात्रि में कुटिया के मार्ग पर कांटे बिखेर दिए। सुबह तीनों शिष्य अपने-अपने घर से गुरु के निवास की ओर चल पड़े। मार्ग पर कांटे थे। लेकिन शिष्य भी कमजोर नहीं …

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आचरण सुंदर तो तन और मन भी सुंदर

behaviour-beautiful-to-tan-and-mind-too-su

बात उन दिनों की है जब भगवान श्रीराम अपने 14 वर्षों के वनवास के दौरान चित्रकूट में थे। भगवान राम एवं माता सीता कुटिया के बाहर बैठे हुए थे। लक्ष्मणजी उनके चरणों में बैठे थे। तभी श्रीराम ने कहा कि लक्ष्मण यहां आओ मेरे और सीता के बीच एक झगड़ा हो गया है। इसलिए तुम न्याय करो। लक्ष्मण जी मान …

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