एक बच्चा प्रतिदिन अपने दादा जी को सायंकालीन पूजा करते देखता था। बच्चा भी उनकी इस पूजा को देखकर अंदर से स्वयं इस अनुष्ठान को पूर्ण करने की ईच्छा रखता था, परन्तु दादा जी की उपस्थिति उसे अवसर नहीं देती थी। एक दिन दादा जी को शाम को आने में विलम्ब हुआ, इस अवसर का लाभ लेते हुए बच्चे ने …
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