जय भोले जय भंडारी, तेरी है महिमा नयारी, तेरी मोहिनी मूरत लगे है प्यारी। कण कण में है तेरा वास प्रभु, है तीनो लोक में तू ही तू। जल में है, थल में है, नभ में है, पवन में है, तेरी छवि समाई, डमरू की धुन में है, झूमे है श्रृष्टि, महिमा यह कैसी रचाई। तेरी जय जय करे दुनिया …
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