तेरे ही भरोसे मैं ओ शाहो के शाह तू चरणो से अपने ना करना जुदा तेरे दर का कोई ठिकाना नहीं है इस से बड़ा कोई खजाना नहीं है मुझे अपने चरणो में देना पनाह तू चरणो से अपने ना करना जुदा भले हैं बुरे हैं, दर पे पड़े हैं नसीबा लिए तेरे दर पे खड़े हैं तेरे दर सा …
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दिले में ना जाने सतगुरु क्या रंग भर दिया है
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा इकरार कर लिया है जिस दिन से पी लिया है तेरे नाम का यह प्याला, मुझको खबर नहीं है, मेरा दिल किधर गया है । छोड़ेंगे अब ना दर तेरा… तूने हाथ जिसका थामा, बाँदा बना प्रभु का, हुई नज़र जिस पे तेरी, समझो के तर गया है । छोड़ेंगे अब ना दर तेरा… तेरी …
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