शमा तू कुभुजा पास रे…दर्शन बिना बाई बावारिया… घर की प्रीत पसनड़ा आई किनी प्रीत पारिया …साकिरी नटवर नगर साब गुआन सागर…2 मेतो दरसकी प्यासिरी…आऊ मोरी सवारिया ||निंध|| दास ठुमरी कहे दर्श डिकाओ, शाम सनडे घर आऊ…||दास|| सुने पड़े साब गूप गोपिया..नाथ दया डरसाओ ओह औब तो नाथ दया डरसाओ गोकुल सुना है..मधुबान सुना …2 सुना पीरे साब गाव रे… …
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