फिर भी तू है प्यासा हरी का नाम तो पास है बंदे फिर क्यू छ्चोड़े आशा नदी किनारे खड़ा है पगले फिर भी तू है प्यासा हरी का नाम तो पास है बंदे फिर क्यू छ्चोड़े आशा इश्स जाग की नादिया मे देखो प्रभु का जल है प्यारा च्चल च्चल कल कल निर्मल है जल प्रभु सुमिरन की धारा इश्स …
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भगवान मेरे घर आए थे
यह मेने सपना देखा था मुझे रात वो, दर्शन धे तो गये आशा वोंका, दर्पण धे तो गये जीने केलिए, कुछ और नया चुपकैसे वो, जीवन धे तो गये वो डीप अभी तक, रोशन है जो रात ही, भुजने वाला था.. || चंदन की कटोरी, खाली है माथे पे अभी तक, लगी है यह मेरी तारा ही, है अकीर …
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