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Tag Archives: dhanush

देखा लखन का हाल तो श्री राम रो पड़े

dekha lakhan ka haal to shree raam ro pade

देखा लखन का हाल तो श्री राम रो पड़े ।अंगत सुग्रीव जामवंत बलवान रो पड़े ॥ लंका विजय की अब मुझे, चाहत नहीं रही ।मुझमें धनुष उठाने की, ताकत नही रही ।रघुवर के साथ धरती, आसमान रो पड़े ॥ करने लगे विलाप, श्री राम फुटकर ।क्या मै जवाब दूँगा, अयोध्या में लौटकर ।जितने थे मन में राम के, अरमान रो …

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शिव जी का किरात वेष में प्रकट होना

Aatma Santosh Ka Gunn Story

इंद्र के उपदेश तथा व्यास जी की आज्ञा से अर्जुन भगवान महेश्वर की आराधना करने लगे । उनकी उपासना से ऐसा उत्कृष्ट तेज प्रकट हुआ, जिससे देवगण विस्मिल हो गये । वे शिव जी के पास गये और बोले – ‘प्रभो ! एक मनुष्य आपकी तपस्या में निरत है । वह जो कुछ चाहता है, उसे आप प्रदान करें ।’ …

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भगवान शिव का हरिहरात्मक रूप

krshnadarshan - bhagavaan shiv ke avataar

एक बार सभी देवता भगवान विष्णु के पास गये और उन्हें नमस्कार करने के बाद संपूर्ण जगत के अशांत होने का कारण पूछा । देवताओं के प्रश्न करने पर भगवान विष्णु ने कहा – ‘देवताओं ! हम तुम्हारे इस प्रश्न का यथोचित उत्तर नहीं दे सकते । हम सभी लोगों को एक साथ मिलकर भगवान शंकर के पास चलना चाहिए …

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मुझे मिला रंगीला यार ब्रज की गलिओ मे

mujhe mila rangeela yaar brj kee galiyon me

मुझे मिला रंगीला यार ब्रज की गलिओ मे मुझे मिला रंगीला यार ब्रज की गलिओ मे मुझे मिला अनोखा प्यार ब्रज की गलिओ मे मुझे मिला अनोखा प्यार ब्रज की गलिओ मे गलिओ मे भाई कुंजन मे गलिओ मे भाई कुंजन मे हा गलिओ मे भाई कुंजन मे गलिओ मे भाई कुंजन मे मुझे मिला रंगीला यार ब्रज की गलिओ …

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माता सीता के स्वयंवर की कथा

Mata Sita Ke svemver Ki katha

  सीता के स्वयंवर की कथा वाल्मीकि रामायण और रामचरित मानस के बालकांड सहित सभी रामकथाओं में मिलती है। वाल्मीकि रामायण में जनक द्वारा सीता के लिए वीर्य शुल्क का संबोधन मिलता है। जिसका अर्थ है राजा जनक ने यह निश्चय किया था कि जो व्यक्ति अपने पराक्रम के प्रदर्शन रूपी शुल्क को देने में समर्थ होगा, वही सीता से …

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शनैश्चर की शरीर कांति इंद्रनीलमणि के समान है।

shanichar ki sharir kranti

शनैश्चर की शरीर कांति इंद्रनीलमणि के समान है। इनके सिर पर स्वर्णमुकुट गले में माला तथा शरीर पर नीले रंग के वस्त्र सुशोभित हैं। ये गीध पर सवार रहते हैं। हाथों में क्रमश: धनुष, बाण, त्रिशुल और वरमुद्रा धारण करते हैं। शनि भगवान सूर्य तथा छाया (संवर्णा) के पुत्र हैं। ये क्रूर ग्रह माने जाते हैं। इनकी दृष्टि में जो …

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