दिन रैना सब बीते बीते ये कितने घोरमेरो माखन धरो ही रेह गयो न आये माखन चोर तुम को ही ढूंढे है ये सारी दुनिया आजा सामने छिपे काहा छलियाँ,तेरे बिन सांवरियां न मच तो ग्वालन शोरमेरो माखन धरो ही रेह गयो न आये माखन चोर पूछता है हम से ये गोकुल साराकहा गया है सांवरियां हमाराना अब कुछ भी …
Read More »