एक दिन स्वामी परमहंसदेव अपने शिष्यों के साथ टहल रहे थे। उन्होंने देखा कि एक जगह मछुआरे जाल फेंककर मछलियां पकड़ रहे हैं। स्वामी जी एक मछुआरे के पास खड़े हो गए और शिष्यों से बोले, ध्यानपूर्वक इस जाल में फंसी मछलियों की गतिविधियों को देखो। शिष्यों ने देखा कि कुछ मछलियां ऐसी हैं, जो जाल में निश्चल पड़ी हैं। …
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सुकरात की सच्ची सहिष्णुता
यूनान के महान दार्शनिक थे सुकरात। उनकी पत्नी झगड़ालू थी। वह छोटी-छोटी बातों पर अमूमन सुकरात से लड़ती थी। लेकिन हर समय सुकरात शांत रहते। सुकरात के पढ़ने की आदत पत्नी को ठीक नहीं लगती थी। एक दिन सुकरात अपने कुछ शिष्यों के साथ घर आए तो पत्नी किसी बात को नाराज हो गई। सुकरात ने इस बात पर ध्यान …
Read More »भगवान ऐसे लोगों को सद्बुद्धि दें
एक संत थे। वह प्रातः काल अपने शिष्यों के बीच बैठकर प्रभु से प्रार्थना किया करते थे। वह सबसे पहले पूरी मानव जाति के कल्याण की प्रार्थना करते और इसके बाद हाथ जोड़कर कहते कि, हे प्रभु मेरे परमपिता, आप गलत कार्य करने वाले लोगों को सद्बुद्धि दें। उनको सही रास्ता दिखाएं ताकि वो गलत कामों को छोड़कर दया का …
Read More »हम इसीलिए खो देते हैं शांति
एक हिन्दू सन्यासी अपने शिष्यों के साथ गंगा नदी के तट पर नहाने पहुंचे। उन्होंने देखा कि वहां एक ही परिवार के कुछ लोग आपस में बात करते हुए एक दूसरे पर क्रोधित हो हो रहे थे। सन्यासी यह दृश्य देखकर रहा नहीं गया और उसने तुरंत अपने शिष्यो से पूछा कि क्रोध में लोग एक दूसरे पर चिल्लाते क्यों …
Read More »जानिए यह है आत्मा की मुक्ति का सच्चा मार्ग
किसी धनी व्यक्ति के घर एक संत भिक्षा लेने के लिए गए। उस व्यक्ति के यहां एक तोता था वो पिंजरे में कैद था। तोता संत को देखकर बहुत खुश हुआ।भिक्षा लेने के बाद जब संत जाने लगे तो तोते ने कहा, ‘हे महात्मा! में इस पिंजरे में काफी दिनों से बंद हूं। जब में अपने साथियों को उड़ते हुए …
Read More »ये है असली ज्ञान
मिस्र के प्राचीन विचारक अनस्तेशियस के आश्रम में पुस्तकों का विशाल संग्रह था। उस संग्रह में कई प्राचीन किताबें थीं। एक बार उनके आश्रम में आए सन्यासी ने उनका एक अमूल्य ग्रंथ चुरा लिया। यदि वे चाहते तो उस सन्यासी के पीछे अपने शिष्यों को भेजकर वह ग्रंथ हासिल कर सकते थे। लेकिन उन्हें डर था कि वह सन्यासी एक …
Read More »संसार की सबसे शक्तिशाली वस्तु ‘World’s most powerful thing’
एक दिन गुरुकुल के शिष्यों में इस बात पर बहस छिड़ गयी कि आखिर इस संसार की सबसे शक्तिशाली वस्तु क्या है ? कोई कुछ कहता, तो कोई कुछ…जब पारस्परिक विवाद का कोई निर्णय ना निकला तो फिर सभी शिष्य गुरुजी के पास पहुँचे। सबसे पहले गुरूजी ने उन सभी शिष्यों की बातों को सुना और कुछ सोचने के बाद बोले-तुम …
Read More »अनुशासन के बिना विकास नहीं
प्राचीन समय में एक नगर था। वहां एक मठ था। उस मठ के एक वरिष्ठ भिक्षु रहते थे। उनके पास अनेकों सिद्धियां थीं, जिसके चलते उनका सम्मान होता था। सम्मान बहुत बड़ी चीज होती है ये वो जानते थे। इसलिए उनकी महत्वाकांक्षा और कुछ न थी। एक दिन दोपहर के समय वह अपने शिष्यों के साथ ध्यान कर रहे थे। …
Read More »परिस्थितियां बदलती हैं हमेशा
एक बार भगवान बुद्ध कहीं जा रहे थे। वह पैदल यात्रा कर रहे थे, इस कारण थक कर एक पेड़ के नीचे बैठ गए। उनके साथ उनके अन्य शिष्यों के साथ आनंद भी मौजूद थे। भगवान बुद्ध ने कहा, ‘आनंद यहां नजदीक एक झरना है, वहां से जल ले आओ।’ आनंद झरने के पास पहुंचा, लेकिन वहां गंदा पानी बह …
Read More »अनोखे तरीकों से बुद्ध देते थे शिक्षा
गौतम बुद्ध ने अपने शिष्यों और अनुयायियों को मौखिक शिक्षा दी है। बाद में इसे उनके अनुयायियों द्वारा संकलित किया गया। बुद्ध अपने प्रवचन में मुख्य बातों पर ही जोर देते थे। तथागत कभी सुनने वाले के विचारों का विरोध न करते और न ही तर्क करते थे। बल्कि उस व्यक्ति के विचारों को अपनाकर उससे प्रश्न करते ताकि सुनने …
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