मेरे प्रणोसे प्यारे गोपाल्जी…. हे गोविंद….हे गोपाल प्यारे …दूर देश की रहएने वाली…2 कैसे तुमको पाऊ…2 कौन सुने एल दुखिया माअं की.. क़िस्सिको व्यथा सुनाओ…2 मीरे प्राण सवरे प्रीतम…2 मे फल फल आस लगाउ..2 काब आओगे मेरे जीवन सती… मे बलिहारी जाओ….2 हे गोविंद….हे गोपाल || आंजने मे आंजने को, धे बेटी दिल अपना…2 ना मे गये, ना वो आए…2 …
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यदि नाथ का नाम दयानिधि है
यदि नाथ का नाम दयानिधि है, तो दया भी करेंगे कभी न कभी । दुखहारी हरी, दुखिया जन के, दुख क्लेश हरेगें कभी न कभी । जिस अंग की शोभा सुहावनी है, जिस श्यामल रंग में मोहनी है । उस रूप सुधा से स्नेहियों के, दृग प्याले भरेगें कभी न कभी । जहां गीध निषाद का आदर है, जहां व्याध …
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