हरी की कथा सुनाने वाले, गोविन्द कथा सुनाने वाले, तुमको लाखों प्रणाम, तुमको लाखों प्रणाम । हम भूल रहे थे वन में, बल खो बैठे थे तन में । प्रभु राह बताने वाले, यह राज बताने वाले, तुमको लाखों प्रणाम ॥ लेकर विशयों का प्याला, जा रहे थे यम के गाला । अमृत पान कराने वाले, प्रभु सुधा पिलाने …
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