कानूडो गोकुल में चाल्यो ले बाँसुरिया हाथ मेंगढ़ गोकुल में रास रचावे गुज़रिया की साथ मेंमीठी मीठी बंसी बजावे यो नंद जी को लालगुज़रया नाच रही रे घूमर घाल रही सावन का महीना में इंद्र राजा मेह बरसावे रेमोर पपिहा कोयल बोले सबको मन हरषावे रेवृंदावन में घूम मचावे यो ननद जी को लालगुज़रया नाच रही रे घूमर घाल रही …
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