हार पहना है तूने जो बाबा,उसमे भगति का पुश्प पिरोया,आंसू निकले जो याद में तेरी उन अश्को से है इनको धोया,हार पहना है तूने जो बाबा……. मैं तड़प ता हु अंदर से बाबा जब ये दुनिया है मुझे सुनाती,कैसी कैसी है बाते ये करती मुझको हर पल ये निचा दिखती,झूठी दुनिया की ये मोह माया जिसने है सारा संसार खोया,आंसू …
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