तेरा हाथ जिसने पकड़ा, वो रहा ना बेसहारा । दरिया में डूब कर भी उसे मिल गया किनारा ॥ आनंद पा लिया है साईं के दर पे आ के, अब क्या करेंगे फिर से दुनिया के पास जा के । समझाया जिन्दगी ने बड़े काम का इशारा ॥ साईं से जो मिला है, कहीं और क्या मिलेगा, यह ऐसा सिलसिला …
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मर्ज़ी तेरी है थामो ना थामो मेरा हाथ
मर्ज़ी तेरी है थामो ना थामो मेरा हाथ मैंने सुना है सबसे हारे का साथी बनके देते तुम साथअखबारों में रोज मैं देख रहा जाते हो तुम कान्हा कहाँ कहाँ खातिर वो ज्यादा करते या तुम हो उनसे डरते बतलाओ श्याम मर्ज़ी तेरी है थामो ना थामो मेरा हाथ एक बात मैं तुमसे पुछूं श्याम मांझी बनने का लेते क्या …
Read More »जो हाथ से चला गया उसका दुख क्या करना!
एक आदमी तड़के नदी की ओर जाल लेकर जा रहा था। नदी के पास पहुंचने पर उसे आभास हुआ कि सूर्य अभी पूरी तरह बाहर नहीं निकला हैं। घने और अंधेरे में वह मस्ती से टहलने लगा। तभी उसका पैर झोले से टकराया। उत्सुकतापूर्वक उसने झोले में हाथ डाला तो पाया कि उसमें बहुत बड़े-बड़े चमकीले पत्थर भरे पड़े …
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