हमें तो लूट लिया साँवरे सांवरिया ने,कृष्णा कन्हैया ने बाँसुरी बजईया ने….. सुहानी रात थी और चाँदनी भी छाई थी,सलोने श्याम ने जब बाँसुरी बजाई थी,कोई अनोखी तान भर के जब सुनाई थी,तो चारो और प्रेम ज्योत जगमगाई थी,सभी लताएं लगी झूमने बहारो में,अजब हलचल सी मची चाँद और सितारो में,बजा रहे थे मधुर बाँसुरी इशारो में,वो मंद मंद पवन …
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