हमारे गुरु मिले ब्रम्हज्ञानी, पाई अमर निशानी । गुरु मिले ब्रम्हज्ञानी हमारे गुरु मिले ब्रम्हज्ञानी काग पलट गुरु हंसा किन्हे, दीन्हि नाम निशानी । हंसा पहुंचे सुख-सागर पर, मुक्ति भरे जहाँ पानी ॥ गुरु मिले ब्रम्हज्ञानी, हमारे गुरु मिले ब्रम्हज्ञानी ॥ जल विच कुम्भ,कुम्भ विच जल है, बाहर भीतर पानी । विकस्यो कुम्भ जल जल ही समाना, यह गति विरले …
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