हरी भक्ता सांता जाले हो अनेका ध्या माजी निशटांका कामहीं एका सुखवामदेव स्ोवनका नारादा अजामीला प्रहलादा विभीषना ध्रवा पारासरा व्यासा पुंदलीका आजूना वाल्मीका अंबरीशा रुक्माँगता भीष्मा भगताल्पा सूता स्िब्ि हनुमंता परीक्षिति कास्यापाध्ि अत्रि गोवठमा वासिष्ता भरध्वाजा सरएष्टा मार्कअँतेया बलि कृूपाचार्या इंद्रा सूर्या चंद्रा ब्रह्मा आनी रुढ़रा पूर्णा भक्ता सर्वांछा हा एका आहे मी किनकरा म्हाने ज्ञानेस्वरा वैष्णवासी ज्ञानेश्वरा माउली गुरु …
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