हे कृष्ण गोपाल हरि,हे दीन दयाल हरि,हे कृष्ण गोपाल हरी,हे दीन दयाल हरि,हे कृष्ण गोपाल हरी,हे दीन दयाल हरि, तुम करता तुम ही कारण,परम कृपाल हरी,हे दीन दयाल हरि,हे कृष्ण गोपाल हरी,हे दीन दयाल हरि…. रथ हाके रणभूमि में और कर्म योग के मर्म बताये,अजर अमर है परम तत्व यूँ,काया के सुख दुःख समझाये,सखा सारथी शरणागत के,सदा प्रितपाल हरी हे …
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