हो आजा नन्द के दुलारे रोवे अकेली मीरा बालक सी मैं व्याह करवाया तेरे संग मैं व्याही होपीहर छोड़ सासरे आ गी ल्यादी कुल कशाही हो,धोवे अकेली मीराहो आजा नन्द के दुलारे रोवे अकेली मीरा रोम रोम में रम्या होया से नही रोम से न्यारा होदुष्टों का संगार करा तने बन भगतो का प्यारा हो,हो जंग जावे अकेली मीराहो आजा …
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