राजा जन्मेजय की नगरी में अयुद्धौम्य नामक प्रसिद्ध गुरु का आश्रम था इनका एक सबसे उत्तम शिष्य था आरुणी | आरुणी की गुरु भक्ति इतिहास के पन्नो में गुंजायमान हैं | घटना कुछ ऐसी हैं, एक बार गाँव के पार मेड़ में दरार बन जाती हैं इससे पानी रिस- रिस खेतो में आने लगता हैं जिसे रोकना बहुत जरुरी हो …
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प्रेम के बोल !!
एक गाँव में एक मजदुर रहा करता था जिसका नाम हरिराम था | उसके परिवार में कोई नहीं था | दिन भर अकेला मेहनत में लगा रहता था | दिल का बहुत ही दयालु और कर्मो का भी बहुत अच्छा था | मजदुर था इसलिए उसे उसका भोजन उसे मजदूरी के बाद ही मिलता था | आगे पीछे कोई ना …
Read More »अनुभव की कंघी !!
रामधन नाम का एक पुराना व्यपारी था जो अपनी व्यापारी समझ के कारण दोनों हाथो से कमा रहा था | उसको कोई भी टक्कर नहीं दे सकता था | वो दूर-दूर से अनाज लाकर उसे शहर में बेचता था उसे बहुत सा लाभ होता था | वो अपनी इस कामयाबी से बहुत खुश था | इसलिये उसने सोचा व्यापार बढ़ाना …
Read More »अनौखी युक्ति !!
एक नगर में एक लकड़हारा और एक पशुपालक रहता था | दोनों बहुत अच्छे मित्र थे | एक दुसरे पर जान देते थे | एक बार नगर में उत्सव हुआ | तब राजा की कन्या भी उस उत्सव को देखने आई | कन्या बहुत सुंदर थी | सभी की आँखे राजकुमारी पर ही आ टिकी थी | जब पशुपालक ने …
Read More »पाखंडी साधू !!
एक शहर में पुलिस ने सभी चौरो की नाक में दम कर दिया था | सारे चौर एक के बाद एक पकड़ा रहे थे | बस एक चौर जैसे तैसे बच कर एक जगह जा छिपा था | तब ही उसे एक ख्याल आया कि क्यूँ न वो भगवा पहनकर साधू बन जाये | ये दूनियाँ चौरो को तो जूता …
Read More »बटुये का रहस्य !!
एक राज्य का राजा न्याय प्रियता के लिए प्रसिद्द था | एक बार उसके सामने एक अजीब मामला आया | जिसमे तय कर पाना मुश्किल था कि कौन अपराधी हैं ? मामला कुछ इस तरह था – एक भिखारी रास्ते से गुजर रहा था तभी उसकी नजर पैसे से भरे एक बटुये पर पड़ी | उसने उसे उठाकर देखा तो …
Read More »आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है !!
एक प्रतापी गुरु थे जो अपने सभी शिष्यों से बहुत प्रेम करते थे | अपने शिष्यों के हर गुणों और कमियों के बारे में पता कर उन्हें भविष्य के लिए तैयार करते थे | उनका एक ही मात्र लक्ष्य था कि उनका हर एक शिष्य जीवन के हर पड़ाव पर हिम्मत से आगे बढ़े | उनके सभी शिष्यों में एक …
Read More »सभी प्राणियों का जीवन अनमोल हैं !!
अवंतिका नगर के नागरिक बहुत परेशान थे क्यूंकि उनकी फसल जब पनपने को होती | पक्षी उसे खा जाया करते थे | फसल बचाने के लिए उन्होंने सोचा कि कोई ऐसी युक्ति निकाली जानी चाहिये जिससे यह व्यर्थ का कार्य भार कम हो | इस हेतु नगर की प्रजा राजा के पास गयी | यह सुन राजा को बहुत क्रोध …
Read More »पारिवारिक मतभेद को जग जाहिर ना करे !!
महाभारत काल में जब पांडव वनवास काल में थे तो अपना जीवन एक कुटियाँ में रहकर बिता रहे थे जिसके बारे में जब दुर्योधन को पता चला तो उसने पांडवों को नीचा दिखाने के लिए पूर्ण ऐशवर्य के साथ वन में जाने की सोची ताकि वो पांडवो को इर्षा से जलता देख सके | जब दुर्योधन वन के लिए निकला …
Read More »सुबह का भुला अगर शाम को घर आ जायें तो उसे भुला नहीं कहते !!
एक महान गुरु के तेजस्वी शिष्य थे अरविन्द | ब्राह्मण थे इसलिए भिक्षा मांग कर जीवन व्यापन करते थे | नित्य सुबह भिक्षा के लिए जाते और केवल उतना ही लेते जितने की जरुरत हो | उनके इस स्वभाव से सभी बहुत प्रभावित थे | और इसी कारण वो एक प्रिय शिष्य थे | एक बार अरविन्द भिक्षा के लिए …
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