अलग-अलग पुतलियों की उलाहना सुन-सुनकर थक चुका राजा भोज हिम्मत करके 30वीं बार भी सिंहासन पर बैठने जाता है, लेकिन इस बार उसे 30वीं पुतली जयलक्ष्मी रोकती है और कहती है कि अगर तुम राजा विक्रमादित्य की तरह तपस्वी हो, तो ही इस सिंहासन पर बैठो। यह कहते हुए 30वीं पुतली जयलक्ष्मी उसे राजा विक्रमादित्य के तपस्वी होने से जुड़ी …
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सिंहासन बत्तीसी की 31वीं कहानी – कौशल्या पुतली की कथा!!
जब 30 बार असफल रहने के बाद एक बार फिर राजा भोज सिंहासन पर बैठने की कोशिश करते हैं, तो 31वीं पुतली कौशल्या वहां प्रकट होती है। वह राजा भोज से कहती है, “इस सिंहासन पर तुम तभी बैठ सकते हो, जब राजा विक्रमादित्य जैसे गुण तुम में हों।” इसके साथ ही 31वीं पुतली राजा भोज को राजा विक्रमादित्य की …
Read More »नटखट परी और जादुई गुफा की कहानी!!
एक समय की बात है एक बहुत ही नटखट परी थी। वह पूरी दुनिया देखना चाहती थी। यह सोचकर वह अपने सभी लोगों से अलग हो गई। वह हर दिन बहुक दूर-दूर तक जाती और नए लोग व नई दुनिया देखती थी। एक दिन वह उड़ती हुई एक घर के पास पहुंची। वहां पर वह खिड़की के पास छिप गई। …
Read More »राजकुमारी और मटर की कहानी!!
किसी राज्य में एक बहुत ही बलवान राजा का राज चलता था। उसकी रानी भी बहुत सुंदर और समझदार थी। राजा-रानी को एक पुत्र था। दोनों मे अपने पुत्र के पालन-पोषण से लेकर, उसकी शिक्षा-दीक्षा में किसी तरह की कोई कमी नहीं होने दी थी। राजुकमार भी बहुत सुंदर था। उसका व्यवहार विनम्र था और वह हर से एक सुयोग्य …
Read More »रॅपन्ज़ेल की कहानी!!
एक समय की बात है, जर्मनी के एक गांव में जॉन नाम का एक आदमी रहता था। उसकी पत्नी का नाम नैल था। वो दोनों निसंतान थे। उनकी इच्छा थी कि उन्हें भी एक प्यारा-सा बच्चा हो जाए। इसके लिए वो रोज भगवान से प्रार्थना करते थे। एक दिन भगवान ने उनकी प्रार्थना सुन ली और नैल गर्भवती हो गई। …
Read More »रंग-बेरंगी सियार!!
शहर के बहार एक बड़ासा जंगल था, उस जंगल में एक सियार रहता था। सियार हमेशा चालाक और धूर्त होता है। वह दित-भर तो छिपा रहता था, पर जब रात होती तो शिकार के लिए बाहर निकलता और बड़ी ही चालाको से छोटे-छोटे जीवों को मारकर खा जाता था। एक बार रात में जब सियार शिकार के लिए बाहर निकला, …
Read More »मेंढकों की दौड़!!
एक सरोवर में बहुत सारे मेंढक रहते थे। सरोवर के बीचों -बीच दो बहुत पुराने लकड़ी के खम्बे लगे हुए थे, जिस पर मछुआरे अपने जाल लगा देते थे। उसमे से एक खम्भा काफी ऊँचा था और उसकी सतह भी बिलकुल चिकनी थी। एक दिन मेंढकों के दिमाग में आया कि क्यों ना एक रेस करवाई जाए। रेस में भाग …
Read More »साप और चिड़िया की कहानी!!
जंगल के एक बड़े से पेड़ की खोल में बहुत सी छोटी-छोटी चिड़िया रहती थी। उसी पेड़ की जड़ में एक साँप भी रहता था। वह चिड़ियों के छोटे-छोटे बच्चों को खा जाता था। एक बार चिड़िया साँप द्वार बार-बार बच्चों के खाये जाने पर बहुत दुःखी और विरक्त सी होकर नदी के किनारे आ बैठी। उसकी आँखों में आँसू …
Read More »मौसम की तैयारी!!
तिलारी वन में ठण्ड दस्तक दे रही थी, सभी जानवर आने वाले कठिन मौसम के लिए तैयारी करने में लगे हुए थे। एक पेड़ पर रहने वाली चिड़िया भी उनमे से एक थी। हर साल की तरह उसने अपने लिए एक शानदार घोंसला तैयार किया था और अचानक होने वाली बारिश और ठण्ड से बचने के लिए उसे चारो तरफ …
Read More »कौवे का शिकार!!
एक पहाड़ की ऊंची चोटी पर एक बाज रहता था, वह पेड़ के आसपास रहते हुए खरगोश को आसानी से पकड़ कर खा जाता था। पहाड़ की तराई में बरगद के पेड़ पर एक कौआ अपना घोंसला बनाकर रहता था। वह बाज को खरगोश की शिकार करते हुए देखता था। उसकी कोशिश सदा यही रहती थी कि बिना मेहनत किए …
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