महाराज कृष्णदेव हर साल ठंड के मौसम में नगर के बाहर डेरा डाला करते थे। इस दौरान महाराज और उनके कुछ दरबारी व सैनिक उनके साथ तंबू लगाकर रहते थे। राज्य के सभी कामकाज को छोड़कर उन दिनों गीत-संगीत की महफिलें सजती और कभी किस्से कहानियों के दौर चला करते थे। ऐसी ही एक सुहानी शाम में महाराज के मन …
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तेनाली रामा की कहानियां: तेनालीराम का न्याय!!
सालों पहले कृष्णदेव राय दक्षिण भारत के जाने-माने विजयनगर राज्य में राज किया करते थे। उनके साम्राज्य में हर कोई खुश था। अक्सर सम्राट कृष्णदेव अपनी प्रजा के हित में फैसले लेने के लिए बुद्धिमान तेनालीराम की राय लिया करते थे। तेनालीराम का दिमाग इतना तेज था कि वो हर मुसीबत का पलभर में समाधान निकाल लेते थे। एक दिन …
Read More »तेनाली रामा की कहानियां: उबासी की सजा!!
एक दिन तेनालीराम को रानी तिरुमाला ने संदेश भिजवाया कि वह बड़ी मुश्किल में हैं और उनसे मिलना चाहती हैं। रानी का संदेश पाकर तेनालीराम तुरंत रानी से मिलने पहुंच गए। तेनालीराम ने कहा, ”रानी जी! आपने इस सेवक को कैसे याद किया?” इस पर रानी तिरुमाला ने कहा, ”तेनालीराम! हम एक बड़ी मुश्किल में फंस गए हैं।” तेनालीराम ने …
Read More »तेनाली रामा की कहानियां: कौवों की गिनती!!
तेनालीराम की बुद्धिमता और हाजिर जवाबी से महाराज कृष्णदेव अच्छी तरह से परिचित थे। इसलिए, महाराज कई बार तेनालीराम से ऐसे सवाल पूछ लेते थे, जिसका जवाब देना मुश्किल होता था। कोई और होता तो महाराज के सवाल सुनकर अपना सिर पकड़ लेता, लेकिन तेनालीराम के पास तो जैसे हर मर्ज की दवा थी और हार मानना तो जैसे उन्होंने …
Read More »तेनाली रामा की कहानियां: होली उत्सव और महामूर्ख की उपाधि!!
विजयनगर की होली आसपास के कई गांवों में काफी मशहूर थी। इस पर्व को यहां बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता था। खुद महाराज कृष्णदेव राय भी इस मौके पर होने वाले आयोजनों में बढ़-चढ़कर भाग लेते थे। इस दिन किसी एक निवासी को महामूर्ख की उपाधि से नवाजा जाता था। साथ ही दस हजार सोने की मुद्राएं भी भेंट …
Read More »नक़ल उतारने वाला नाई !!
दक्षिण भारत के एक नगर में मणिभद्र नामक एक दानवीर व्यापारी रहता था. धार्मिंक कार्यों और जनसेवा के लिए वह बहुत सा धन दान में दिया करता था. अत्यधिक दान-पुण्य के कारण उसका धन समाप्त होता गया और वह निर्धन हो गया. निर्धन होते ही लोग उसका तिरस्कार करने लगे. लोगों के ऐसे व्यवहार से वह व्यथिक हो गया …
Read More »भय का भूत : पंचतंत्र की कहानी!!
बहुत समय पहले की बात है. एक नगर में भद्रसेन नामक एक राजा का राज्य था. उसकी एक अति-रूपवती कन्या थी, जिसका नाम रत्नवती था. अपने रूप के कारण रत्नवती को सदा यह भय रहता था कि कोई राक्षस आयेगा और उसका अपहरण कर ले जायेगा. वह दिन-रात इसी भय में जीती थी. राजा ने उसका भय दूर करने महल …
Read More »जादुई खिड़की की कहानी!!
एक शहर में रवि नाम का लड़का रहता था. उसकी उम्र आठ साल थी और वो तीसरी कक्षा में पढ़ता था. वह शांत स्वभाव का था और उसके अधिक दोस्त नहीं थे. एक बार उसकी तबियत ख़राब हो गई. डॉक्टर ने उसे दवाइयाँ दी और घर पर रहकर आराम करने की सलाह दी. उसके माता-पिता ने स्कूल में उसकी छुट्टी …
Read More »चुहिया का स्वयंवर !!
गंगा नदी किनारे स्थित कुटिया में याज्ञवल्क्य नाम मुनि अपनी पत्नि के साथ रहा करते थे. उनकी कोई संतान नहीं थी. दोनों को संतान की कामना थी. अतः वे इस हेतु सदा ईश्वर से प्रार्थना किया करते थे. एक दिन मुनि नदी किनारे अपने दोनों हाथ फैलाये ईश्वर से संतान प्राप्ति हेतु प्रार्थना कर रहे थे. तभी आकाश में उड़ता …
Read More »मकड़ी, चींटी और जाला !!
एक मकड़ी अपना जाला बनाने उपयुक्त स्थान की तलाश में थी वह चाहती थी कि उसका जाला ऐसे स्थान पर हो, जहाँ ढेर सारे कीड़े-मकोड़े और मक्खियाँ आकर फंसे. इस तरह वह मज़े से खाते-पीते और आराम करते अपना जीवन बिताना चाहती थी. उसे एक घर के कमरे का कोना पसंद आ गया और वह वहाँ जाला बनाने की तैयारी …
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