शरीर कभी एकरूप रहता ही नहीं और सत्ता कभी अनेकरूप होती ही नहीं । शरीर जन्म से पहले भी नहीं था, मरने के बाद भी नहीं रहेगा तथा वर्तमान में भी वह प्रतिक्षण मर रहा है । वास्तव में गर्भ में आते ही शरीर के मरने का क्रम (परिवर्तन) शुरू हो जाता है । बाल्यावस्था मर जाएं तो युवावस्था आ …
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बोल राधे राधे राधे
कही आते-जाते ब्रिज-गलियों मे, कन्हैया प्यारा मिलजाएगा राधा के बिना श्याम, रिजे भी तो कैसे दिए के बिना रोशिनी ना आए जैसे जो तू राधा राधा नाम नही गाथा, जीना बेका रार होज़ायगा श्याम कहे से श्याम ना आए राधे राधे बोलो प्यारे श्याम दुआदे आए राधा नाम के सहारे, …
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कही आते-जाते ब्रिज-गलियों मे, कन्हैया प्यारा मिलजाएगा राधा के बिना श्याम, रिजे भी तो कैसे दिए के बिना रोशिनी ना आए जैसे जो तू राधा राधा नाम नही गाथा, जीना बेका रार होज़ायगा श्याम कहे से श्याम ना आए राधे राधे बोलो प्यारे श्याम दुआदे आए राधा नाम के सहारे, ओ बँधे, ये जीवन सुधार जाएगा सारे जगत की है …
Read More »हरी नाम नही तो जीना क्या
हरी नाम नही तो जीना क्या – 2 अमराट है हरी नाम जगत में हरी नाम नही तो जीना क्या – 2 अमराट है हरी नाम जगत में इसे छ्चोड़ विषाया विष पीना क्या हरी नाम नही तो जीना क्या काल सदा अपने रस डोले ना जाने कब सिर चाड बोले – 2 हरी का नाम जपो नीश्वासर – 2 …
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