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Tag Archives: jyotirling

काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग

KasheeVishvanath

श्री काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग वाराणसी (Kashi Vishwanath Temple, Varanasi) जनपद के काशी नगर में अवस्थित है। कहते है, काशी तीनों लोकों में न्यारी नगरी है, जो भोले बाबा के त्रिशूल पर विराजती है। इस मंदिर को कई बार बनाया गया। नवीनतम संरचना जो आज यहां दिखाई देती है वह 18वीं शताब्दी में बनी थी। कहा जाता है कि एक बार …

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श्री शैलम ज्योतिर्लिंग

srisailam-jyotirlinga

श्रीशैलम (श्री सैलम नाम से भी जाना जाता है) नामक ज्योतिर्लिंग आंध्रप्रदेश के पश्चिमी भाग में कुर्नूल जिले के नल्लामल्ला जंगलों के मध्य श्री सैलम पहाड़ी पर स्थित है। यहां शिव की आराधना मल्लिकार्जुन नाम से की जाती है। मंदिर का गर्भगृह बहुत छोटा है और एक समय में अधिक लोग नहीं जा सकते। शिवपुराण के अनुसार भगवान कार्तिकेय को …

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श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग

Dvadash Jyotirling

श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात प्रान्त के द्वारकापुरी से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है। यह स्थान गोमती द्वारका से बेट द्वारका जाते समय रास्ते में पड़ता है। इसके अतिरिक्त नागेश्वर नाम से दो अन्य शिवलिंगों की भी चर्चा ग्रन्थों में है। मतान्तर से इन लिंगों को भी कुछ लोग ‘नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshvara Jyotirling) कहते हैं। इनमें से एक …

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महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग

Dvadash Jyotirling

उज्जैन में शिप्रा नदी के निकट स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (Mahakaleshwar Jyotirling, Ujjain) देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे प्रसिद्ध है। पौराणिक मान्यता के अनुसार सच्चे मन से स्वयंभू भगवान महाकालेश्वर की पूजा-अर्चना करने वाले मनुष्य का काल भी कुछ नहीं बिगाड़ पाते। महाकालेश्वर मंदिर की आरती (Mahakaleshwar Temple Bhasma Aarti) महाकालेश्वर में प्रतिदिन सुबह होने वाली भस्म आरती के बारे …

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भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग

Shivaratri Story

शिव पुराण के अनुसार भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग (Bhimashankar Jyotirling in Pune) असम प्रान्त के कामरूप जनपद में ब्रह्मरूप पहाड़ी पर स्थित है। इस शिवलिंग को लेकर कई मतभेद हैं। वर्तमान में यह महाराष्ट्र में स्थित है। कहते हैं जो भी मनुष्य प्रतिदिन प्रातः काल उठकर इस ज्योतिर्लिंग से सम्बन्धित श्लोकों का पाठ करता हुआ शिवलिंग का ध्यान करता है, उसके सात …

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वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग

vaidyanath-jyotirlinga

एक धार्मिक मान्यता है कि परली ग्राम के निकट स्थित वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग (Vaidyanath Jyotirling Temple) वास्तविक ज्योतिर्लिंग है. “परलीग्राम” निज़ाम हैदराबाद क्षेत्र के अंतर्गत पड़ता है. यहां का मन्दिर अत्यन्त पुराना है, जिसका जीर्णोद्धार रानी अहिल्याबाई ने कराया था. लेकिन शिव पुराण के अनुसार झारखण्ड प्रान्त के जसीडीह के समीप देवघर का श्री वैद्यनाथ शिवलिंग ही वास्तविक वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग है. …

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रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग

Rameshwaram Jyotirling story

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग दक्षिण भारत के समुद्र तट पर स्थित है। कहते हैं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने स्वयं अपने हाथों से श्री रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग (Shri Rameshwaram Jyotirling) की स्थापना की थी। रामेश्वरम की कथा (Story of Shri Rameshwaram Jyotirling in Hindi) शिव पुराण के अनुसार जब श्रीराम ने रावण के वध हेतु लंका पर चढ़ाई की थी तो विजयश्री की …

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ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग

Dvadash Jyotirling

  देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ओंकारेश्वर तीर्थ (Shri Omkareshwar Jyotirling) अलौकिक है। यह तीर्थ नर्मदा नदी के किनारे विद्यमान है। नर्मदा नदी के दो धाराओं के बंटने से एक टापू का निर्माण हुआ था जिसका नाम मान्धाता पर्वत पड़ा। आज इसे शिवपुरी भी कहा जाता है। इसी पर्वत पर भगवान ओंकारेश्वर और परमेश्वर विराजमान हैं। ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग …

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घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग

Dvadash Jyotirling -5

महाराष्ट्र में औरंगाबाद के नजदीक दौलताबाद से 11 किलोमीटर दूर घृष्‍णेश्‍वर महादेव (Grishneshwar Mahadev Jyotirling Temple ) का मंदिर स्थित है। यह बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। कुछ लोग इसे घुश्मेश्वर के नाम से भी पुकारते हैं। बौद्ध भिक्षुओं द्वारा निर्मित एलोरा की प्रसिद्ध गुफाएं इस मंदिर के समीप ही स्थित हैं। इस मंदिर का निर्माण देवी अहिल्याबाई होल्कर …

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औढरदानी भगवान शिव

krshnadarshan - bhagavaan shiv ke avataar

भगवान शिव और उनका नाम समस्त मंगलों का मूल है । वे कल्याण की जन्मभूमि, परम कल्याणमय तथा शांति के आगार हैं । वेद तथा आगमों में भगवान शिव को विशुद्ध ज्ञानस्वरूप बताया गया है । समस्त विद्याओं के मूल स्थान भी भगवान शिव ही हैं । उनका यह दिव्यज्ञान स्वत:संभूत है । ज्ञान, बल, इच्छा और क्रिया – शक्ति …

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