कैसे पाता मैं तुमको कन्हैया,इस ज़माने से जो गम ना मिलते,रिसते रहते मेरे घाव दिल के,आप जो बनके मरहम ना मिलते,कैसे पाता मै तुमको कन्हैया,इस ज़माने से जो गम ना मिलते…… बस तेरी एक नजर से ही हमको,जो थे बिछड़े हमारे मिले है,बेसहारा था जीवन जो उसको,जिंदगी के सहारे मिले है,अपनी आँखों में लेकर के आंसू खाटू में तुमसे जो …
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