कलयुग में एक बार कन्हैया,ग्वाले बनकर आओ रै,आज पुकार करे तेरी गैया,आके कंठ लगाओ रै।कलयुग में एक बार कन्हैया,ग्वाले बनकर आओ रै,ग्वाले बनकर आओ रे । जिसको मैंने दूध पिलाया,वो ही आज सताते हैं,चीर फाड़ कर मेरे बेटे,मेरा माँस भी खाते हैं,अपनों के अभिशाप से मुझको,आके आज बचाओ रै,कलयुग में एक बार कन्हैया,ग्वाले बनकर आओ रै,ग्वाले बनकर आओ रे । …
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