कान्हाँ कान्हाँ रटते रटते, हो गई है बेहाल,पी रही मीरा विष का प्याला, आ जाओ नन्द लाल…… होठों पे बस नाम है तेरा, बरसे आखों से पानी -2भरी सभा में आज पुकारें, कान्हाँ तेरी दीवानी,सुध बुध खोई प्रीत में तेरी, दर्शन दो तत्काल,कान्हाँ कान्हाँ रटते रटते, हो गई है बेहाल,पी रही मीरा विष का प्याला, आ जाओ नन्द लाल…… प्रीतम …
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