यमुना किनारे पे नंद का लाला गईयां चरावे,कान्हा मुरली से मीठी मीठी तान सुनावे…… मुरली को सुन कर के सखिया हो गई रे दीवानीसुध बुध बोली वो ऐसी होगी रे मस्तानीराधे ने मुरली से कान्हा कैसा जादू पावेकान्हा मुरली से मीठी मीठी तान सुनावे…… कान्हा की मुरली की जब से तान पड़ी काननं मेंदिल मुरली ले गई रे नींद ना …
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