मेरो घुंगट खोल गयो कन्हिया छोटो सो नैन छबीले जके होठ रसीले ऐसे है मेरे श्याम रंगीलेरसिया रस घोल गयो कन्हिया छोटो सो जब कान्हा मेरी और निहारे मनवा मेरो उछाले मारेमोसे मिठो बोल गयोकन्हिया छोटो सो…. लुट गई मैं तो या नटखट पेबलहारी जा पे मोर मुकत पेमेरे गाव में डोल गयो कन्हिया छोटो सो …. या दिन से …
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