ब्रज मोहन ब्रज सांवरे, जय ब्रज के ब्रज राज,बिराजो ब्रज ही जान कर, निज ब्रज मंडल आज,तुम हो जग के जगपति, सबकी राखो लाज,निर्बल मो को जान कर, पत राखो महाराज कृष्ण तुम्हारे ध्यान में, आठों पहर रहा करूं,हर दम तुम्हारे ज्ञान के, सागर में ही बहा करूं,कृष्ण तुम्हारे ध्यान में…. वाणी तुम्हारी हो मधुर, मुरली के मीठे मीठे स्वर,जादू …
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