क्यों आज पड़ गये है तेरे जुबा पे तालेमैं तुझसे पूछता हु दुनिया बनाने वाले, कसे धर्म के शिकंजे रोटी कुरान गीता,अब राम के ही हाथो छली जा रही है सीता ,वो घर के चिरागों ने घर अपने फुक ढालेमैं तुझसे पूछता हु दुनिया बनाने वाले, दो दिन की जिन्दगी है उचे ख्याल अपनेपल की खबर नही है सो साल …
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