छाई गोकुल में हरयाली कोयल कूके काली काली,लियो आज रे जनम नन्दलाल ने,खुशियां नन्द गांव में आई हीरे मोती दिए लुटाई,लीला कैसी रे दिखाई गोपाल ने ॥ नन्द बाबाजी ख़ुशी में झूमे अपने होश गवाए,हीरा मोती और अशर्फी दोनों हाथ लुटाएं,मेरे श्याम को नज़र ना लग जाए,बड़े दिनों के बाद मिली है ऐसी ख़ुशी निराली,हो गई चारों तरफ दिवाली झूले …
Read More »