मेरे प्रणोसे प्यारे गोपाल्जी…. हे गोविंद….हे गोपाल प्यारे …दूर देश की रहएने वाली…2 कैसे तुमको पाऊ…2 कौन सुने एल दुखिया माअं की.. क़िस्सिको व्यथा सुनाओ…2 मीरे प्राण सवरे प्रीतम…2 मे फल फल आस लगाउ..2 काब आओगे मेरे जीवन सती… मे बलिहारी जाओ….2 हे गोविंद….हे गोपाल || आंजने मे आंजने को, धे बेटी दिल अपना…2 ना मे गये, ना वो आए…2 …
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