झलक बांके बिहारी की मेरे इस मन में बाई हैमधुर मुस्कान की महिमा मेरे होठो ने गाई है, तुम्हारे प्यार में बेहद याहा दुःख क्यों साहा मैंनेहमारी क्यों जमाने में अजब हालत बनाई हैमधुर मुस्कान की महिमा मेरे होठो ने गाई है, तुम्हारे नाम की माला को हम दिन रात जपते है ,अनोखी चाहते लेकर तुम्हारी याद आई है,मधुर मुस्कान …
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