हे गिरधर गोपाल लाल तू आजा मोरे अंगना,माखन मिश्री तने खिलाऊ और झुलाऊ पालना मैं तो अर्जी कर सकता हु आगे मर्जी तेरी हैआनो हो तो आ सांवरिया फेर करे क्यों देरी हैमुरली की आ तान सूनाना चाल मैं तेडी चालनामाखन मिश्री तने खिलाऊ और झुलाऊ पालना कंचन वरगो थाल स्जाइयो खीर चूरमा बाटकीदूध मलाई से मटकी भरी है आजा …
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