मन मे बसा कर तेरी मूर्तिउतारू मैं गिरधर तेरी आरती करुण करो कष्ट हरो ज्ञान दो भगवानभव में फांसी नाव मेरी तार दो भगवानदर्द की दवा तुमरे पास है जिंदगी दया की है भीख मांगतीमन में बसा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, मागु तुझसे क्या में यही सोचो भगवानजिंदगी जब तेरे नाम करदी अर्पणसब कुछ तेरा कुछ न मेरा चिंता है तुझको प्रभु संसार कीमन …
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