मनुष्य जीवन का चरम लक्ष्य मोक्ष प्राप्ति है । भव बंधन से विमुक्त हो जाना, जीवात्मा का परमात्मा की सत्ता में विलीन हो जाना, आत्मतत्त्व का परमात्मतत्त्व के साथ अभेद हो जाना तथा हृदय के अंतस्तल में ‘वासुदेव: सर्वमिति, सर्वं खल्विदं ब्रह्म’ इत्यादि त्रिकालावाधित सिद्धांतवादियों की दिव्य ज्योति का समुद्भासित हो उठना ही मोक्ष है, यही परम पुरुषार्थ है । …
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साधना में मनोयोग की महत्ता
वैताल ने बोला – राजन् ! उज्जयिनी में महासेन नामक एक राजा था । उसके राज्य में देवशर्मा नाम का एक ब्राह्मण रहता था । देवशर्मा का गुणाकार नाम का एक पुत्र था जो द्यूत, मद्य आदि का व्यसनी था । उस दुष्ट गुणाकर ने पिता सारा धन द्यूत आदि में नष्ट कर दिया । वह पृथ्वी पर इधर …
Read More »तू ही सागर है तू ही किनारा
ढून्डता है तू किसका सहारा ढून्डता है तू किसका सहारा कभी टन में कभी मान में उलझा तू सदा अपने दामन में उलझा सबसे जीटा तू अपने से हारा ढून्डता है तू किसका सहारा तू ही सागर है तू ही किनारा ढून्डता है तू किसका सहारा पाप क्या पुण्या क्या तू भुला दे कर्म कर फल की चिंता मिटा दे …
Read More »चलो रे मान गुरु के द्वार
गुरु नाम की नौका ऐसी करेगी भाव से पार चलो रे मान गुरु के द्वार आज तू दानी कल भिकारी आज तू हस्ता कल दुखभरी गुरु चरनो मे तू राजस्एला माया पहनाए हार चलो रे मान गुरु के द्वार गुरु ज्ञान से ट्री झोली भरेंगे तेरे सारे संशय हारेंगे गुरु द्वार कीटू कुण्डी खड़का मिलेंगे कृष्णा मुरार चलो रे मान …
Read More »मुझे मिल गया मान का मीट के दुनिया क्या जाने
मुझे मिल गया मान का मीट के दुनिया क्या जाने क्या जाने कोई क्या जाने (2) मुझे मिल गया(पॉज़) हो मुझे मिल गया मान का मीट के दुनिया क्या जानेमुझे लगी श्याम संग प्रीत. जब से हैं ओधी श्याम चुनरिया (2) लोग कहे में भाई बावारिया (2) ये कैसी… ये कैसी पागल प्रीत के दुनिया क्या जाने. मुझे मिल गया …
Read More »दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अंखिया प्यासी रे
मान मंदिर की ज्योति जगाडो, घाट घाट बसी रे मंदिर मंदिर मूरत तेरी फिर भी ना दिखे सूरत तेरी युग बीते ना आई मिलन की पुरानामसी रे द्वार दया का जब तू खोले पंचम सुर में गूंगा बोले अँधा देखे लंगड़ा चल कर पहुँचे कसी रे पानी पी कर प्यास बूझौं नैनों को कैसे समझाओन आँख मिचौली छ्चोड़ो अब मान …
Read More »Save your children from fire not from sun
A man was an avid Gardner.. Saw a small butterfly laying a few eggs in one of the pots in his garden. since that day he looked at the egg with ever growing curiosity and eagerness. The egg started to move and shake a little. He was exited to see a new life coming up right in front of his …
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