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Tag Archives: man

श्रीकृष्ण और भागवत धर्म

Suni Kanha Teri Bansuri

मनुष्य जीवन का चरम लक्ष्य मोक्ष प्राप्ति है । भव बंधन से विमुक्त हो जाना, जीवात्मा का परमात्मा की सत्ता में विलीन हो जाना, आत्मतत्त्व का परमात्मतत्त्व के साथ अभेद हो जाना तथा हृदय के अंतस्तल में ‘वासुदेव: सर्वमिति, सर्वं खल्विदं ब्रह्म’ इत्यादि त्रिकालावाधित सिद्धांतवादियों की दिव्य ज्योति का समुद्भासित हो उठना ही मोक्ष है, यही परम पुरुषार्थ है । …

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साधना में मनोयोग की महत्ता

Sadhna Main Manoyog Ka mehtav Story

  वैताल ने बोला – राजन् ! उज्जयिनी में महासेन नामक एक राजा था । उसके राज्य में देवशर्मा नाम का एक ब्राह्मण रहता था । देवशर्मा का गुणाकार नाम का एक पुत्र था जो द्यूत, मद्य आदि का व्यसनी था । उस दुष्ट गुणाकर ने पिता सारा धन द्यूत आदि में नष्ट कर दिया । वह पृथ्वी पर इधर …

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तू ही सागर है तू ही किनारा

bhagavaan meree naiya us paar laga dena

ढून्डता है तू किसका सहारा ढून्डता है तू किसका सहारा कभी टन में कभी मान में उलझा तू सदा अपने दामन में उलझा सबसे जीटा तू अपने से हारा ढून्डता है तू किसका सहारा तू ही सागर है तू ही किनारा ढून्डता है तू किसका सहारा पाप क्या पुण्या क्या तू भुला दे कर्म कर फल की चिंता मिटा दे …

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चलो रे मान गुरु के द्वार

Suni Kanha Teri Bansuri

गुरु नाम की नौका ऐसी करेगी भाव से पार चलो रे मान गुरु के द्वार आज तू दानी कल भिकारी आज तू हस्ता कल दुखभरी गुरु चरनो मे तू राजस्एला माया पहनाए हार चलो रे मान गुरु के द्वार गुरु ज्ञान से ट्री झोली भरेंगे तेरे सारे संशय हारेंगे गुरु द्वार कीटू कुण्डी खड़का मिलेंगे कृष्णा मुरार चलो रे मान …

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मुझे मिल गया मान का मीट के दुनिया क्या जाने

mujhe mil gaya man ka meet ke duniya kya jaane

मुझे मिल गया मान का मीट के दुनिया क्या जाने क्या जाने कोई क्या जाने (2) मुझे मिल गया(पॉज़) हो मुझे मिल गया मान का मीट के दुनिया क्या जानेमुझे लगी श्याम संग प्रीत. जब से हैं ओधी श्याम चुनरिया (2) लोग कहे में भाई बावारिया (2) ये कैसी… ये कैसी पागल प्रीत के दुनिया क्या जाने. मुझे मिल गया …

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दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अंखिया प्यासी रे

मान मंदिर की ज्योति जगाडो, घाट घाट बसी रे मंदिर मंदिर मूरत तेरी फिर भी ना दिखे सूरत तेरी युग बीते ना आई मिलन की पुरानामसी रे द्वार दया का जब तू खोले पंचम सुर में गूंगा बोले अँधा देखे लंगड़ा चल कर पहुँचे कसी रे पानी पी कर प्यास बूझौं नैनों को कैसे समझाओन आँख मिचौली छ्चोड़ो अब मान …

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Save your children from fire not from sun

Save your children from FIRE not from SUN

A man was an avid Gardner.. Saw a small butterfly laying a few eggs in one of the pots in his garden. since that day he looked at the egg with ever growing curiosity and eagerness. The egg started to move and shake a little. He was exited to see a new life coming up right in front of his …

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