मेरे कृष्ण कन्हैया तेरे पडू में पयाअब ना सतावो मेरे साँवरे कृष्ण कन्हैया मैं तेरे पडू में पयाअब न सतावो मेरे साँवरे ज्यादा सताके मेरा दिल ना दुःखा ओ मटकी भी फोड़ी और माखन भी खाओतेरे देउ बलिया , मेरी छोड़ दो बयाअच्छा नही हैं ये काम रे मेरे कृष्ण कन्हैया तेरे पडू में पयाअब ना सतावो मेरे साँवरे. करते …
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