मुझसे नाराज़ तू हो ये सितम श्याम ना ढाना,मेरी दुनियाँ है तू ही तो मेरा अनमोल ख़जाना।। मेरी साँसों में रहता वो तू ही, होती धड़कन में जो धक धक तू ही,मेरा हर रोम रोम खिलता है, तू मेरे साथ साथ चलता है,मुझसे नाराज तू हो, ये सितम श्याम ना ढाना,मेरी दुनियाँ है तू ही तो मेरा अनमोल ख़जाना।। सर …
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