मोहे प्रेम का रोग लगाये गयो री वो कान्हा बंसी वालो,वो कान्हा बंसी वालो वो कान्हा कालो कालोमोहे प्रेम का रोग लगाये गयो री वो कान्हा बंसी वालो…… रंग जो गम सब मेरे बुला के मेरी नजर से नजर को मिला केनैनं को तीर चलाए गयो री वो कान्हा बंसी वालो……….. सुगर सलोनी मोहनी मूरत बन गई है अब मेरी …
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