एक समय की बात है. जंगल के किनारे दो राजाओं में मध्य घमासान युद्ध हुआ. इस युद्ध में एक राजा विजयी हुआ, एक पराजित. विजयी राजा के सिपाही और साथ गए भांड व चारण रात भर ढोल पीटकर उत्सव मनाते रहे और वीरगीत गाते रहे. सुबह-सुबह तेज आंधी आयी और उस आंधी में सिपाहियों का एक ढोल (Drum) लुड़ककर दूर …
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लोमड़ी और कौवा की कहानी !!
एक लोमड़ी भोजन की तलाश में जंगल में भटक रही थी. एक पेड़ के पास से गुजरते हुए उसकी नज़र ऊँची डाल पर बैठे कौवे पर पड़ी. वह ठिठक गई. ऐसा नहीं था कि लोमड़ी ने पहले कौवा नहीं देखा था. लेकिन जिस चीज़ ने उसका ध्यान आकर्षित किया था, वह उस कौवे की चोंच में दबा हुआ रोटी का …
Read More »भूखी चिड़िया की कहानी!!
एक बार की बात है टोनी चिड़िया नाम की एक छोटी सी चिड़िया रहती थी। टोनी चिड़िया अपनी माँ, पिताजी और 5 भाइयों के साथ घोंसले में रहती थी। टोनी चिड़िया के पंख छोटे और मुलायम थे, छाती के पंख लाल और बाकि शरीर के पंख भूरे रंग के थे। टोनी चिड़िया और उसका परिवार एक बड़े चर्च के घंटाघर पर बने घोंसले में रहता था और उसकी माँ ने उसे …
Read More »बंदर और लकड़ी का खूंटा !!
एक गाँव के निकट के जंगल में मंदिर का निर्माण हो रहा था. निर्माण कार्य सुबह से लेकर शाम तक चलता था. बहुत से कारीगर इसमें जुटे हुए थे. सुबह से शाम तक कारीगर वहाँ काम करते और दोपहर में भोजन करने गाँव आ जाया करते थे. एक दोपहर सभी कारीगर भोजन करने गाँव आये हुए थे. तभी बंदरों का …
Read More »मूर्ख मित्र : पंचतंत्र की कहानी – मित्रभेद
बहुत समय पहले की बात है. एक राज्य में एक राजा का राज था. एक दिन उसके दरबार में एक मदारी एक बंदर लेकर आया. उसने राजा और सभी दरबारियों को बंदर का करतब दिखाकर प्रसन्न कर दिया. बंदर मदारी का हर हुक्म मनाता था. जैसा मदारी बोलता, बंदर वैसा ही करता था. वह आज्ञाकारी बंदर राजा को भा गया. …
Read More »ब्राह्मणी और तिल के बीज
एक गाँव में एक निर्धन ब्राह्मण रहता था. भिक्षा मांगकर वो जैसे-तैसे अपने परिवार का भरण-पोषण कर पाता था. एक दिन उसके घर कुछ अतिथि आ गए. अतिथि आगमन से उसकी पत्नी चिंतित हो गई, क्योंकि घर में खाने-पीने को कुछ भी नहीं था. उसने ब्राह्मण को सारी स्थिति की जानकारी दी. ब्राह्मण बोला, “मैं भिक्षा मांगने के लिए पड़ोस …
Read More »जादुई पेंसिल की कहानी !!
दोपहर के भोजन के समय सोनू ने वास्तव में बहुत कठिन पढाई की, इतना कठिन कि वह खाना खाना भी भूल गया। दोपहर के भोजन के बाद सोनू वास्तव में भूखा था, वह केवल भोजन के बारे में सोच रहा था। जैसे ही सोनू अपनी मेज पर बैठा, उसने खुद से कहा “काश मेरी पेंसिल मेरे लिए सब कुछ लिख देती और सभी …
Read More »बुरी संगति का फल !!
जंगल में एक सुंदर स्वच्छ जल का तालाब था। उसके किनारे एक बरगद का विशाल वृक्ष था। उस पर एक कौवा रहता था। नीचे तालाब में एक हंस रहता था। हंस स्वभावतः सदाचारी और परोपकारी था। एक दिन कौवे ने सोचा कि हंस यहां साथ ही रहता है, क्यों न इससे मित्रता कर ली जाय। यह सोचकर उसने हंस से …
Read More »लालची व्यापारी!!
एक भिखारी को बाज़ार में चमड़े का एक बटुआ पड़ा मिला। उसने बटुए को खोलकर देखा। बटुए में सोने की सौ सिक्के थे। तभी भिखारी ने एक व्यापारी को चिल्लाते हुए सुना, “मेरा चमड़े का बटुआ खो गया है! जो कोई उसे खोजकर मुझे सौंप देगा, मैं उसे एक अच्छा सा ईनाम दूंगा!” भिखारी बहुत ईमानदार आदमी था। उसने बटुआ …
Read More »प्रतिभा की पहचान!!
यूनान के थ्रेस शहर में एक गरीब लड़का था। जो लकड़ियां बेच कर अपना पेट पालता था। वह प्रतिदिन जंगल से लकड़ियां काट कर लाता। उनका गठ्ठर बनाता, फिर उन्हें बाजार लेकर जाता। वहां गठ्ठर बेचकर जो भी मिलता उससे वह अपना पेट पालता। लड़के की खूबी यह थी कि वह जो भी काम करता बहुत लगन और एकाग्रता से …
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