असुर निकंदन भय भंजन कुछ आन करो, पवन तनय संकट मोचन कल्याण करो । भीड़ पड़ी अब भारी हे बजरंगबली, भक्तो के दुःख दूर मेरे हनुमान करो ॥ गयारवे हो रूध्र तुम हो, ले के अवतारी, ज्ञानियो में आप ग्यानी योधा बलशाली । बाल अवस्था में चंचल आप का था मन, सूर्य को तुम खा गए नटखट बड़ा बचपन । …
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मंगल मूरति मारुतनंदन जय हनुमान
मनोजवम मारुत तुल्य वेगम, जितेंद्रियम बुद्धिमतां वरिष्ठं वातात्मजं वानारायूथ मुख्यम, श्रीराम दूतं शरणम प्रपद्धे || मंगल मूरति, मारुतनंदन, भक्तविभूषण जय हनुमान सकल अमंगल, मूल निकंदन, संकट मोचन जय हनुमान || (जय हनुमान – जय हनुमान ) – २ (जय हनुमान -जय हनुमान, जय हनुमान -जय हनुमान) – २ पवन तनय संतन हितकारी, ह्रदय बिराजत अवधविहारी राम लखन सीता श्री …
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