पकड़ लो हाथ बनवारी,नहीं तो डूब जाएंगे,हमारा कुछ ना बिगड़ेगा,तुम्हारी लाज जाएगी,पकड़ लो हाथ बनवारी,नहीं तो डूब जाएंग……. धरी है पाप की गठरी,हमारे सर पे ये भारी,वज़न पापों का है भारी,इसे कैसे उठाऐंगे,पकड़ लों हाथ बनवारी,नहीं तो डूब जाएंगे…….. तुम्हारे ही भरोसे पर,ज़माना छोड़ बैठें हैं,ज़माने की तरफ देखो,इसे कैसे निभाएंगे,पकड़ लो हाथ बनवारी,नहीं तो डूब जाएंगे……… दर्दे दिल की …
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