जब लालबहादुर शास्त्री देश के प्रधानमंत्री थे तब वह एक बार कपड़े की दुकान में साड़ियां खरीदने गए। दुकान मालिक शास्त्री जी को देखकर बहुत खुश हुआ। शास्त्री जी ने दुकानदार से कहा कि वे जल्दी में हैं और उन्हें चार-पांच साड़ियां चाहिए। दुकान का मैनेजर शास्त्री जी को एक से बढ़ कर एक साड़ियां दिखाने लगा। सभी कीमती साडि़यां …
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चाहे दुःख हो या सुख हिसाब तो सबको देने ही होते हैं
एक सेठ जी बहुत ही दयालु थे । धर्म-कर्म में यकीन करते थे । उनके पास जो भी व्यक्ति उधार मांगने आता, वे उसे मना नहीं करते थे । सेठ जी मुनीम को बुलाते और जो उधार मांगने वाला व्यक्ति होता उससे पूछते कि भाई ! तुम उधार कब लौटाओगे ? इस जन्म में या फिर अगले जन्म में जो …
Read More »जब पीरों को बताया, ‘संत कौन होते हैं?’
एक बार सिखों के प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी मुलतान की यात्रा पर गए। जब मुलतान पहुंचे तो पीरों के बाबा ने दूध से भरा कटोरा भेजा। यह एक तरह का संदेश था कि मुलतान में बहुत से पीर हैं। वह यहां नहीं रहें। लेकिन बदले में गुरु नानक जी ने उनको बगली का फूल भिजवाया। इसका अर्थ …
Read More »लालची राजा
एक राजा था मिदास। उसके पास साने की कमी नहीं थी, लेकिन सोना जितना बढ़ता, वह और अधिक सोना चाहता। उसने सोने को खज़ाने में जमाकर लिया था, और हर रोज़ उसे गिना करता था। एक दिन जब वह सोना गिन रहा था, तो एक अजनबी कहीं से आया और बोला, ‘तुम मुझसे ऐसा कोई भी वरदान मांग सकते हो, …
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