मेरे प्रणोसे प्यारे गोपाल्जी…. हे गोविंद….हे गोपाल प्यारे …दूर देश की रहएने वाली…2 कैसे तुमको पाऊ…2 कौन सुने एल दुखिया माअं की.. क़िस्सिको व्यथा सुनाओ…2 मीरे प्राण सवरे प्रीतम…2 मे फल फल आस लगाउ..2 काब आओगे मेरे जीवन सती… मे बलिहारी जाओ….2 हे गोविंद….हे गोपाल || आंजने मे आंजने को, धे बेटी दिल अपना…2 ना मे गये, ना वो आए…2 …
Read More »Tag Archives: Praan
इतना तो करना स्वामी
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से निकलेश्री गंगा जी का तट हो, यमुना का वंशीवट हो मेरा सांवरा निकट हो जब प्राण तन से निकले इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले पीताम्बरी कसी हो छवि मन में यह बसी हो होठों पे कुछ हसी हो जब प्राण …
Read More »