क्यो प्राणी प्रभु नाम ना गाथा रे किससे पता है कल क्या होगा पता नही किस पल क्या होगा कल चकरा चलता मद माता क्यो प्राणी प्रभु नाम ना गाथा रे ||1|| उमर का पंछी उड़ता जाता क्यो प्राणी प्रभु नाम ना गाथा रे कची ससों की क्या आशा कर जाए कब बाँध तमाशा तू मूरख मान क्यो बरमाथा क्यो …
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स्वर्ग नर्क सब इस धरती पे
नही गगन के देखो पार अच्छा करम तो सुख देवे है बुरा करम है दुख का सार स्वर्ग नर्क सब इस धरती पे नही गगन के देखो पार अच्छा करम तो सुख देवे है बुरा करम है दुख का सार जो दुख पता प्रभु से कहता क्यू प्रभु तुम दुख देते हो हमने किया नही कुच्छ एसा फिर क्यू नही …
Read More »प्रभु जी ! तुम चंदन हम पानी
जाकी अंग-अंग बाज़ सामानी प्रभु जी ! तुम धनवान हम मुरा जैसे चितवाट चंद्रा चकोरा प्रभु जी ! तुम . हम बाटी जाकी ज्योत बारे दिन राती प्रभु जी ! तुम मोटी हम धागा जैसे सोने मे मिलत सुहागा प्रभु जी ! तुम स्वामी हम दासा ऐसी भक्ति कर रे डासा प्रभु जी ! तुम चंदन हम पानी ज़की अंग-अंग …
Read More »मेरा जीवन तेरे हवाले प्रभु इसे पग पग तू ही संभाले
पग पग तू ही सम्हले पग पग तू ही संभाले भव सागर मे जीवन नईया , डोल रही है,ओ रखवईयाडोल रही है,ओ रखवईया, इसे अब तू आके बचा लेप्रभु इसे पग-पग तू ही संभाले ,मेरा जीवन तेरे हवालेप्रभु इसे पग-पग तू ही संभाले मोह-माया के बन्धन खोलो हे प्रभु अपनी शरण में ले लोहे प्रभु अपनी शरण में ले लोइस पापी …
Read More »कभी भगवान को भी भागत्ॉ से काम पड़े
जाना था गंगा पर प्रभु केवट की नाव चड़े, (2)अवध छोड़ प्रभु वन को आई, सिया राम लखन गंगा तट आई, केवट मान ही मान हरषाए, घर बैठे परभु दर्शन पे, हाथ जोड़ कर प्रभु के आयेज केवट मगन खड़े प्रभु बोले तुम नाव चलाओ, पर हमे केवट पहुचाओ, केवट कहता सुनो हमारी चरण धूल की माया भारी, मैं ग़रीब …
Read More »जीवन की नैय्या कर दे प्रभु के हवाले
प्रभु के हवाले जीवन की नैय्या कर दे प्रभु के हवाले प्रभु के हवाले जैसे वो चाहे वैसे जैसे वो चाहे वैसे इसको संभाले इसको संभाले जीवन की नैय्या कर दे प्रभु के हवाले टन का ना गर्व कीजिए ये तो विनाशी है तू तो है चेतन आत्मा ज्योति तो अविनाशी ज्योति सागर पिता को दिल मे बसले दिल मे …
Read More »कब आए कब जाए
दुख है ढलते सूरज जैसा शाम ढले ढाल जाए दुख सुख दोनो कुच्छ पल के कब आए कब जाए दुख है ढलते सूरज जैसा शाम ढले ढाल जाए ओ शाम ढले ढाल जाए दुख तो हर प्राणी को होवय राम ने भी दुख झेला धैर्या प्रेम से वन मे रहे प्रभु चौदह बर्ष की बेला दुख तो हर प्राणी को …
Read More »नदी किनारे खड़ा है पगले
नदी किनारे खड़ा है पगले, फिर भी तू है प्यासा हरी का नाम तो पास है बंदे, फिर क्यूँ छ्चोड़े आशा नदी किनारे खड़ा है पगले, फिर भी तू है प्यासा हरी का नाम तो पास है बंदे, फिर क्यूँ छ्चोड़े आशा इस जाग की नादिया में देखो, प्रभु का जल है प्यारा च्चल च्चल कल कल निर्मल है जल, …
Read More »दुख सुख दोनो कुच्छ पल के
दुख सुख दोनो कुच्छ पल के, कब आए कब जाए दुख है ढलते सूरज जैसा, शाम ढले ढाल जाए (जे2) दुख सुख दोनो कुच्छ पल के, कब आए कब जाए दुख है ढलते सूरज जैसा, शाम ढले ढाल जाए (जे2) दुख तो हर प्राणी को होवय, राम ने भी दुख झेला धैर्या प्रेम से वन में रहे, प्रभु चौदह बर्ष …
Read More »भक्ति की अद्भुत पराकाष्ठा की मिसाल भगवान हनुमान
लंका मे रावण को परास्त करने के बाद श्रीराम माता सीता लक्ष्मण और हनुमान के साथ अयोध्या लौट चुके थे। प्रभु राम के आने की खुशी में पूरे अयोध्या में हर्षोल्लास का माहौल था। राजमहल में राज्याभिषेक की तैयारियां चल रही थी। राज्याभिषेक के बाद जब लोगों को उपहार बांटे जा रहे थे तभी माता सीता ने हनुमान जी से …
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